टूट कर पागलो की तरह मोहब्बत भी तो सिर्फ मैंने की थी !! तिरा हुस्न कुछ नहीं था मिरी शाइरी से पहले इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है आप अपनी कविता सिर्फ अमर उजाला एप के माध्यम से ही भेज सकते हैं अब मैं अक्सर मैं नहीं रहता https://hindishayri.godaddysites.com/f/shayari-in-hindi---%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%82%E0%A4%A6%E0%A5%80-%E0%A4%AE%E0%A5%87%E0%A4%82-%E0%A4%B6%E0%A4%BE%E0%A4%AF%E0%A4%B0%E0%A5%80